अगर आप लोन की EMI नहीं चुका पा रहे हैं, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें उन ग्राहकों के लिए 5 अहम अधिकार निर्धारित किए गए हैं, जो आर्थिक संकट की वजह से समय पर लोन की किस्तें भरने में असमर्थ हैं।
इस फैसले से उन लोगों को राहत मिलेगी जो बैंकों और रिकवरी एजेंट्स के दबाव में आ जाते हैं अब जानते हैं वे 5 महत्वपूर्ण अधिकार जो आपको लोन न चुका पाने पर भी सुरक्षा और राहत प्रदान करेंगे।
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1. बैंक के सामने अपना पक्ष रखने का अधिकार
अगर आप किसी कारण से EMI भुगतान में असमर्थ हैं, जैसे नौकरी छूट जाना, व्यापार में नुकसान या मेडिकल इमरजेंसी, तो आपको बैंक के सामने अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।
क्या कर सकते हैं?
✅ बैंक को लिखित में अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में सूचित करें।
✅ अगर बैंक “Repossession Notice” भेजता है, तो आप अपना जवाब दे सकते हैं।
✅ आप लोन री-स्ट्रक्चरिंग या EMI में राहत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
✅ इससे आपको अतिरिक्त समय और राहत मिल सकती है।
2. रिकवरी एजेंट्स से परेशान होने से बचाव का अधिकार
अगर आपको रिकवरी एजेंट बार-बार परेशान कर रहे हैं, तो यह जान लीजिए कि RBI के नियमों के तहत वे आपको किसी भी तरह से धमका नहीं सकते।
क्या अधिकार हैं आपके पास?
✅ रिकवरी एजेंट सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही संपर्क कर सकते हैं।
✅ कोई भी एजेंट आपको धमका नहीं सकता, गाली नहीं दे सकता, या जबरदस्ती नहीं कर सकता।
✅ यदि आपको अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ता है, तो आप इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
✅ बैंक को अपने रिकवरी एजेंट्स को मर्यादित व्यवहार बनाए रखने के निर्देश देने होंगे।
3. निजता (Privacy) बनाए रखने का अधिकार
लोन भुगतान में देरी का मतलब यह नहीं कि बैंक या रिकवरी एजेंट आपकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर सकते हैं।
क्या बैंक को करना होगा?
✅ आपकी निजी जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखनी होगी।
✅ रिकवरी एजेंट आपके परिवार या पड़ोसियों को आपकी वित्तीय स्थिति के बारे में नहीं बता सकते।
✅ यदि कोई आपकी जानकारी सार्वजनिक करता है, तो आप इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
✅ बैंक को ग्राहक की निजता और सम्मान का पूरा ध्यान रखना होगा।
4. संपत्ति नीलामी में पारदर्शिता का अधिकार
अगर आप समय पर लोन नहीं चुका पाते और बैंक आपकी गिरवी रखी संपत्ति को बेचने का फैसला करता है, तो आपको यह अधिकार मिलता है कि आप इस प्रक्रिया की सही निगरानी कर सकें।
क्या अधिकार हैं आपके पास?
✅ बैंक को नीलामी से पहले आपको लिखित सूचना देनी होगी।
✅ आपको संपत्ति की उचित कीमत के आंकलन का अधिकार है।
✅ यदि संपत्ति कम कीमत पर बेची जा रही है, तो आप इसका विरोध कर सकते हैं।
✅ इससे सुनिश्चित होगा कि आपकी संपत्ति को उचित मूल्य पर ही बेचा जाए।
5. लोन रिकवरी के बाद बची हुई राशि वापस लेने का अधिकार
अगर बैंक आपकी संपत्ति को बेचकर लोन की राशि वसूल कर लेता है और उसके बाद भी कुछ शेष राशि बचती है, तो वह रकम आपको वापस करनी होगी।
पहले क्या होता था?
- पहले बैंकों के पास बची हुई राशि लौटाने का कोई ठोस नियम नहीं था।
- अब RBI के नए नियमों के तहत बैंक को यह राशि ग्राहक को लौटानी होगी।
- यानी, बैंक लोन वसूली के बाद बची हुई अतिरिक्त रकम अपने पास नहीं रख सकते।
ये नए नियम आपके लिए क्यों जरूरी हैं?
✅ लोन चुकाने में देरी होने पर आपको परेशान नहीं किया जा सकता।
✅ आपको बैंक के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करने का पूरा अवसर मिलेगा।
✅ रिकवरी एजेंट्स का अनुचित व्यवहार अब पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
✅ आपकी संपत्ति को उचित मूल्य पर ही बेचा जाएगा।
✅ अगर लोन चुकाने के बाद कोई राशि बचती है, तो वह आपको वापस मिलेगी।
क्या करें अगर बैंक या रिकवरी एजेंट इन नियमों का पालन नहीं करते?
अगर आपको लगता है कि बैंक या रिकवरी एजेंट RBI के इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो आप RBI में इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
💡 अब जब आपको अपने अधिकारों की पूरी जानकारी मिल गई है, तो लोन भुगतान में देरी होने पर घबराने की जरूरत नहीं इन नए नियमों से आपकी सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें, ताकि वे भी इस नए नियम से अवगत हो सकें।